आरसीपी सिंह ने सीएम नीतीश कुमार की बढ़ाई मुश्किलें
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आरसीपी सिंह ने सीएम नीतीश कुमार की बढ़ाई मुश्किलें

आरसीपी सिंह ने सीएम नीतीश कुमार की बढ़ाई मुश्किलें

आरसीपी सिंह ने सीएम नीतीश कुमार की बढ़ाई मुश्किलें

बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने से पहले दूसरे पिछड़े राज्य का लिया नाम

पटना (बिहार) : विगत कई वर्ष से बिहार को विशेष राज्‍य का दर्जा दिलाने के लिए जदयू एड़ी-चोटी एक किए हुए है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्‍वयं कई बार इस मुद्दे को उठा चुके हैं। यही नहीं, इसको लेकर नीतीश कुमार ने कई बार पीएम नरेंद्र मोदी से संवाद भी किये है। 2014 में जब नरेंद्र मोदी पीएम बने, तो नीतीश कुमार को पक्का भरोसा था कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल कर रहेगा। लेकिन ऐसा, अभी तक संभव नहीं हो पाया है।  इधर, नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट आने के बाद, यह मुद्दा और तेजी से उठा है। गौरतलब है कि यह मामला संसद तक भी पहुँचा। जाहिर तौर पर, इस मसले को लेकर विपक्ष भी काफी मुखर है। लेकिन नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाने वाले जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और वर्तमान में मोदी कैबिनेट में, केंद्रीय इस्‍पात मंत्री आरसीपी सिंह के सुर अलग प्रतीत हो रहे हैं। बिहार को विशेष राज्‍य का दर्जा देने की माँग को लेकर केंद्रीय इस्‍पात मंत्री आरसीपी सिंह ने बड़ी बात कह दी है। उन्‍होंने कहा है कि निसन्देह, बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की जरूरत है लेकिन उससे पहले बेहद पिछड़े राज्य उड़ीसा पर ध्यान देना होगा। उन्होंने प्‍लानिंग कमीशन की चर्चा करते हुए कहा कि सबसे पहले तो, यह दर्जा उड़ीसा को मिलेगा। आरसीपी सिंह ने कहा कि हम लोग 2013-14 में ही ये माँग कर चुके हैं। विशेष राज्‍य के दर्जे में आखिर मिलता क्‍या है? प्‍ला‍निंग कमीशन की बात तो सभी लोग जानते ही हैं। पिछड़े राज्यों की श्रेणी में, उड़ीसा एक नंबर पर था, तो सब से पहले उड़ीसा को ही विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा। मंत्री आरसीपी सिंह ने आगे कहा कि बिहार का उत्तरी हिस्‍सा नेपाल के बाढ़ के कारण परेशान हाल है। हर साल सड़कें टूट जाती हैं। गाँव के गाँव बर्बाद हो जाते हैं। इन मुद्दों को हम कई बार संसद में उठा चुके हैं। हर एक साल, बिहार को संभालने में 30 से 40 हजार करोड़ रुपये लगते हैं। बिहार की विशेष समस्‍या पर, विशेष ध्‍यान देने की जरूरत है। जाहिर तौर पर, आगे यह देखना बेहद दिलचस्प होगा कि आरसीपी सिंह के इस बयान के बाद, जदयू के वरिष्ठ नेताओं का इस पर क्या-क्या प्रतिक्रिया आती है। खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की बात कर रहे हैं, तो आरसीपी सिंह के इस बयान को वे किस नजरिये से देखेंगे ? दीगर बात है कि सरकार को घेरने के लिए, विपक्ष को एक और मजबूत मुद्दा मिल जायेगा। आरसीपी सिंह के इस बयान के बाद, राजनीतिक गलियारे में बहस छिड़ चुकी है। नाम नहीं छापने की शर्त पर, जदयू के कुछ बड़े नेताओं ने हमसे हुई बातचीत के दौरान कहा कि आरसीपी सिंह, धीरे-धीरे बीजेपी के होते जा रहे हैं। सीएम नीतीश कुमार, पहले आरसीपी सिंह से हर तरह की सलाह लिया करते थे लेकिन जब से आरसीपी सिंह मंत्री बने हैं, नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह के बीच पुराने रिश्ते में जो गर्माहट थी, वह अब कहीं भी नजर नहीं आ रही है। नीतीश कुमार, आरसीपी सिंह से कुछ जुदा-जुदा सा दिख रहे हैं। कुछ नेताओं ने तो यहाँ तक कहा कि बिहार में आरसीपी सिंह के खेमे को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया है। इससे कयास यह लगाया जा रहा है कि आने वाले समय में, आरसीपी सिंह कभी भी भाजपा में शामिल हो जाएंगे और नीतीश कुमार को गुड बाय कह देंगे। अब इससे जदयू को कितना नफा और नुकसान होगा, यह आने वाला वक्त ही बताएगा। वैसे, बिहार ही नहीं बल्कि भारतीय राजनीति में कभी भी, कुछ भी हो सकता है।
मुकेश कुमार सिंह